बशिंग और टैन डेल्टा विद्युत् उपकरणों की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका
विद्युत् उपकरणों की दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, विभिन्न तकनीकी मापदंडों का ध्यान रखना आवश्यक है। इनमें से एक महत्वपूर्ण मापदंड बशिंग (Bushing) और टैन डेल्टा (Tan Delta) का परीक्षण है। इन तत्वों का सही सामान्यीकरण विद्युत् प्रणालियों की कार्यक्षमता और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करता है।
बशिंग क्या है?
बशिंग एक विद्युत् उपकरण है जो ट्रांसफार्मर, स्विचगियर्स और अन्य उच्च वोल्टेज उपकरणों में प्रयोग होता है। इसका मुख्य कार्य उच्च वोल्टेज कंडक्टरों को सुरक्षित रूप से जमीन से अलग रखना और विद्युत् प्रवाह को नियंत्रित करना है। बशिंग आमतौर पर सिलिकॉन रबर या पॉलीइथिलीन जैसे इन्सुलेटिंग सामग्री से बने होते हैं, जो उन्हें अत्यधिक तापमान और वोल्टेज के प्रभाव से बचाते हैं।
टैन डेल्टा एक भौतिक माप है जिसका उपयोग इन्सुलेटर्स की गुणवत्ता और प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह इन्सुलेटिंग सामग्री की क्षमता को दर्शाता है, जिसमें सापेक्ष द्रव्यमान के सापेक्ष ल्युमिनेंस का अनुपात शामिल होता है। साधारण शब्दों में, टैन डेल्टा यह बताता है कि इन्सुलेटिंग सामग्री कितनी ऊर्जा को अवशोषित करती है और कितनी मात्रा में विकृति उत्पन्न होती है।
बशिंग और टैन डेल्टा का संबंध
बशिंग की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए टैन डेल्टा परीक्षण एक महत्वपूर्ण उपकरण है। उच्च टैन डेल्टा मान यह संकेत करते हैं कि इन्सुलेटर में अधिक सड़न या क्षति हो सकती है। यह प्रणाली में ऊर्जा की हानि को भी दर्शाता है, जिससे कार्य प्रणाली की दक्षता प्रभावित हो सकती है।
परीक्षण की प्रक्रिया
टैन डेल्टा परीक्षण के लिए बशिंग को एक टैस्टिंग सर्किट में जोड़ा जाता है, जहां एक निश्चित वोल्टेज लागू किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान बशिंग से गुजरने वाली धारा और वोल्टेज के बीच के संबंध का प्रयोग करते हुए टैन डेल्टा की गणना की जाती है। यदि परिणाम उच्च या अस्वीकृत स्तर पर आते हैं, तो यह संकेत मिलता है कि बशिंग को प्रतिस्थापित या मरम्मत करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
बशिंग और टैन डेल्टा परीक्षण विद्युत् उद्योग में सुरक्षा और प्रदर्शन के महत्वपूर्ण घटक हैं। नियमित परीक्षण करना और इन्सुलेटिंग सामग्री की गुणवत्ता का आकलन करना न केवल उपकरणों की दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करता है, बल्कि पूरे प्रणाली की दक्षता को भी बढ़ाता है। इसलिए, सभी विद्युत् उपकरणों के निर्माताओं और संचालकों को इन कारकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस प्रकार, हम एक सुरक्षित और विश्वसनीय विद्युत् प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं जो आधुनिक तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा कर सके।